iPhone 17 की कमियां: बैटरी, चार्जिंग और AI फीचर्स पर क्यों उठ रहे सवाल?

Apple का हर नया iPhone दुनियाभर के टेक-लवर्स के लिए किसी फेस्टिवल से कम नहीं होता। कंपनी ने iPhone 17 को भी एक “गेम-चेंजर” की तरह लॉन्च किया है। दमदार A18 Bionic चिप, सुपर रेटिना XDR डिस्प्ले, और AI से लैस Apple Intelligence जैसी खूबियां इसे स्पेशल बनाती हैं। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, और इसी तरह iPhone 17 में भी कुछ ऐसी खामियां हैं, जिनकी वजह से यह “परफेक्ट स्मार्टफोन” का टैग हासिल नहीं कर पा रहा।

बैटरी लाइफ अब भी बड़ी समस्या

iPhone 17 में बैटरी को लेकर Apple ने दावे तो बड़े किए थे, लेकिन रियल वर्ल्ड यूज़र्स के रिव्यू कुछ और ही कहते हैं। हैवी यूज़ करने वालों के लिए अब भी पूरा दिन निकालना मुश्किल साबित हो रहा है। खासकर Pro और Pro Max मॉडल्स में 120Hz डिस्प्ले का यूज़ बैटरी को जल्दी खत्म कर देता है। वहीं, स्टैंडबाय टाइम भी Android फ्लैगशिप्स के मुकाबले कम माना जा रहा है।

फास्ट चार्जिंग में Apple बहुत पीछे

आज के दौर में लोग चाहते हैं कि फोन कुछ ही मिनटों में चार्ज होकर घंटों का बैकअप दे। एंड्रॉइड ब्रांड्स जैसे OnePlus, Xiaomi और Realme अपने फ्लैगशिप्स में 100W से भी ज्यादा की चार्जिंग स्पीड ऑफर कर रहे हैं। लेकिन iPhone 17 अभी भी लगभग 30W चार्जिंग तक सीमित है। इसका मतलब यह हुआ कि iPhone को फुल चार्ज करने में अब भी लगभग डेढ़ घंटे या उससे ज्यादा का समय लगता है, जो प्रीमियम फोन के हिसाब से बड़ी कमी है।

कीमत और वैल्यू फॉर मनी पर सवाल

iPhone 17 सीरीज़ की कीमतें भारत जैसे देशों में बहुत ज्यादा हैं। बेस मॉडल ही 80-90 हज़ार से शुरू होता है और Pro Max मॉडल की कीमत 1.5 लाख तक पहुंच जाती है। इतने दाम में भी अगर बैटरी और चार्जिंग जैसी बेसिक जरूरतें पूरी न हों, तो यूज़र्स को ये ओवरप्राइस्ड डिवाइस ही लगता है। कई लोग कह रहे हैं कि “Apple ब्रांड तो अच्छा है, लेकिन वैल्यू फॉर मनी नहीं है।”

कैमरा: दमदार लेकिन परफेक्ट नहीं

कैमरा हमेशा से iPhone की सबसे बड़ी ताकत रही है, और iPhone 17 भी इसमें पीछे नहीं है। लेकिन कुछ जगहों पर ये अब भी प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ जाता है। लो-लाइट फोटोग्राफी और 10x ज़ूम जैसे सेगमेंट्स में Samsung Galaxy S सीरीज़ और Google Pixel ज्यादा बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं। Apple ने कैमरा सॉफ्टवेयर पर काम किया है, लेकिन हार्डवेयर लिमिटेशन अब भी खटक रही है।

USB-C पोर्ट लेकिन लिमिटेड स्पीड

Apple ने आखिरकार iPhone में USB-C पोर्ट दे दिया है, जिसे यूज़र्स काफी समय से मांग रहे थे। लेकिन निराशा तब हुई जब पता चला कि केवल Pro और Pro Max मॉडल्स में ही हाई-स्पीड डेटा ट्रांसफर मिलता है। बेस मॉडल्स में अब भी USB 2.0 स्पीड ही दी गई है, जो टेक्नोलॉजी के इस दौर में बड़ी कमी मानी जा रही है।

Apple Intelligence की लिमिटेशन

iPhone 17 की सबसे बड़ी खासियत इसका AI इंटीग्रेशन यानी Apple Intelligence है। लेकिन ये फीचर्स फिलहाल सिर्फ कुछ देशों तक ही सीमित हैं। भारत जैसे बड़े मार्केट्स में इसका पूरा फायदा यूज़र्स नहीं उठा पा रहे। यानी जिसने फोन खरीदा भी, वो इसके सभी फीचर्स का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा।

कस्टमाइजेशन की कमी

iOS 18 ने कस्टमाइजेशन में कुछ सुधार किए हैं, जैसे होम स्क्रीन पर आइकन बदलना और विजेट्स एडजस्ट करना। लेकिन Android की तुलना में iPhone अब भी बहुत पीछे है। कई यूज़र्स को अब भी लगता है कि iOS बहुत “रिज़र्व्ड” और “रिज़िड” है, जहां उन्हें अपनी मर्ज़ी से बदलाव करने की पूरी आज़ादी नहीं मिलती।

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